मुख्य सलाहकार लागत का कार्यालय व्यय विभाग, वित्त मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत एक प्रभाग है। यह कार्यालय लागत लेखा मामलों पर मंत्रालयों तथा सरकारी उपक्रमों को सलाह देता है तथा उनकी ओर से लागत जांच कार्य करता है। यह एक पेशेवर निकाय है जिसके कर्मचारी लागत/चार्टर्ड लेखाकार होते हैं।
मुख्य सलाहकार लागत का कार्यालय, लागत निर्धारण तथा मूल्य निर्धारण संबंधी मामलों, उचित मूल्यों के निर्धारण के लिए अध्ययनों, उपभोक्ता प्रभारों के संबंध में अध्ययनों, परियोजनाओं के लागत-लाभ विश्लेषण, लागत कटौती के संबंध में अध्ययनों, लागत दक्षता, पूंजी-गहन परियोजनाओं के मूल्यांकन, लाभप्रदता विश्लेषण तथा भारत सरकार के मंत्रालयों/विभागों के लिए लागत एवं वाणिज्यिक वित्तीय लेखांकन से संबंधित आधुनिक प्रबंधन उपकरणों के अनुप्रयोग के मामले देखता है।
इसकी स्थापना, उत्पादन लागत सत्यापित करने के लिए और निर्दिष्ट मामलों के संबंध में रक्षा खरीद सहित सरकारी विभागों के लिए उचित विक्रय मूल्य निर्धारित करने के लिए केंद्र सरकार की एक स्वतंत्र एजेंसी के रूप में की गई थी। इस कार्यालय की भूमिका का और विस्तार किया गया तथा प्रशासित मूल्य व्यवस्था (एपीएम) के अंतर्गत अनिवार्य वस्तु अधिनियम के तहत पेट्रोलियम, इस्पात, कोयला, सीमेंट आदि जैसे अनेक उत्पादों का मूल्य निर्धारण भी शामिल किया गया। चूंकि मंत्रालयों में लागत/मूल्य निर्धारण का काम काफी बढ़ गया है, इसलिए अन्य कई मंत्रालयों/ विभागों ने ऐसे कार्यों, जिनमें लागत/वाणिज्यिक लेखा मामलों में विशेषज्ञता की जरूरत होती है, इस सेवा के अधिकारियों की तैनाती कराकर अपनी इन-हाउस विशेषज्ञता हासिल कर ली है। उदारीकरण के बाद के इस दौर में यह कार्यालय, लागत-मूल्य अध्ययनों के परंपरागत क्षेत्रों के अलावा सरकार की उदारीकरण की नीति के साथ-साथ संकालन में अध्ययन कार्य प्राप्त कर रहा है तथा अध्ययन कर रहा है।
मुख्य सलाहकार लागत का कार्यालय, भारतीय लागत लेखा सेवा (आईसीओएएस) का संवर्ग नियंत्रक कार्यालय भी है तथा विभिन्न प्रतिभागी संगठनों में कार्यरत आईसीओएएस अधिकारियों को व्यावसायिक मार्गदर्शन देने के अलावा यह कार्यालय, अधिकारियों के ज्ञान और कौशल में लगातार वृद्धि करने के लिए उनकी प्रशिक्षण संबंधी जरूरतें भी देखता है।
मुख्य सलाहकार लागत के कार्यालय के व्यावसायिक कार्यों के प्रमुख क्षेत्र निम्नलिखित हैं :
- विभिन्न सेवाओं/उत्पादों हेतु उचित मूल्यों के निर्धारण में मूल्य/लागत से संबंधित जटिल मामलों को सुलझाने में केन्द्र सरकार के सभी मंत्रालयों/विभागों/संगठनों की सहायता करना और लागत मामलों में विभिन्न मंत्रालयों/विभागों को परामर्श देना।
- सरकारी विभागों/सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों तथा आपूर्तिकर्ताओं के बीच क्रय करारों से उत्पन्न दावों की जांच/सत्यापन।
- सरकार को आपूर्त उत्पादों और सेवाओं का मूल्य निर्धारण ताकि सरकारी विभाग आपूर्तिकर्ता संगठनों के साथ मूल्यों पर समझौता वार्ता कर सकें।
- लागत/उचित मूल्यों के निर्धारण के लिए अध्ययन करना तथा उत्पादों और सेवाओं के लिए उचित मूल्यों/दरों की सिफारिशें करना तथा प्रभारित मूल्यों, शुल्क संरचना आदि का औचित्य भी निर्धारित करना।
- अधिगृहीत उद्योग की परिसंपत्तियों एवं देयताओं तथा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के शेयरों का मूल्यांकन।
- लागत/वित्तीय तथा मूल्य निर्धारण से संबंधित मामलों में सरकार/विभिन्न विभागों द्वारा गठित समितियों के अध्यक्ष/सदस्यों के रूप में कार्य करना।
- औद्योगिक उपक्रमों की लागत एवं कार्य निष्पादन लेखापरीक्षा करना।
- बाजार हस्तक्षेप स्कीमों के तहत सब्सिडी का निर्धारण एवं दावों का सत्यापन तथा राज्य और केंद्र सरकार द्वारा घाटे के सहभाजन हेतु मूल्य समर्थन स्कीम।
- विभागीय उपक्रमों/स्वायत्त निकायों के लिए लागत लेखांकन प्रणाली विकसित करना।
- प्रमुख परियोजनाओं के समय और लागत में वृद्धि का अध्ययन करना।
ई-गवर्नेंस कार्य
- व्यय विभाग के सभी प्रभागों में ई-ऑफिस सॉफ्टवेयर एक चरणबद्ध रूप में कार्यान्वित किया जा रहा है, व्यय विभाग के तहत एक प्रभाग मुख्य सलाहकार लागत का कार्यालय भी इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई कर रहा है। आईसीओएएस अधिकारियों के संबंध में ऑनलाइन ई-कार्यालय एपीएआर प्रणाली (एसपीएआरआरओडब्ल्यू) मूल्यांकन वर्ष 2017-18 से लागू की जाएगी। इसके अतिरिक्त, यह कार्यालय व्यय विभाग में कार्यान्वित किए जा रहे ई-ऑफिस प्रीमियम सॉफ्टवेयर का भी हिस्सा बन गया है।
- मुख्य सलाहकार लागत के कार्यालय की मौजूदा वेबसाइट http://cac.gov.in का भारत सरकार के नवीनतम दिशानिर्देशों, जिनमें आरटीआई अपेक्षाएं भी शामिल हैं, के आधार पर पूरी तरह से नवीकरण किए जाने का प्रस्ताव है।
अधिक जानकारी के लिए कृपया देखें http://cac.gov.in